आगरा। अक्षय तृतीया का पर्व 22 अप्रैल दिन शनिवार को मनाया जाएगा। हर वर्ष की तरह यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। शास्त्रों में इस तिथि को स्वयं सिद्ध मुहूर्त और युगादि तिथि कहा गया है। इस दिन कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य करने के लिए पंचांग देखने की जरूरत नहीं है। इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य अति फलदायक माना जाता है। साथ ही इस दिन सतयुग और त्रेतायुग का आरंभ भी हुआ था। ज्योतिषाचार्य आशिमा शर्मा ने बताया कि इस बार अक्षय तृतीया पर 6 शुभ योग बन रहे हैं जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। इन शुभ योग में किया गया धार्मिक कार्य जैसे पूजा, जपतप, दान आदि कार्यों का बेहद शुभ फल मिलता है। 

ज्योतिषाचार्य आशिमा शर्मा ने बताया अक्षय तृतीया पर पड़ने वाले योगों का महत्व

सर्वार्थ सिद्धि योग का महत्व
ज्योतिषाचार्य आशिमा शर्मा ने बताया कि अक्षय तृतीया पर सर्वार्थ सिद्धि नामक बेहद शुभ योग बन रहा है जो कि रात 11 बजकर 24 मिनट से शुरू होगा और 23 अप्रैल सुबह 5 जकर 48 मिनट तक रहेगा। इस शुभ योग में शुरू किया गया कोई भी शुभ कार्य निश्चित ही सफल होता है। इस योग में शुक्र अस्त, पंचक, भद्रा आदि अशुभ योग का प्रभाव नहीं पड़ता है। इस योग में नया व्यापार शुरू करना, संपत्ति, आभूषण आदि चीजें खरीदना बहुत लाभकारी है। 

त्रिपुस्कर योग
तीन ग्रहों के मिलने से इस शुभ योग का निर्माण होता है। अक्षय तृतीया पर यह योग सुबह 5 बजकर 49 मिनट से सुबह 7 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। इस शुभ योग में किया गया शुभ कार्य का फल तीन गुना अधिक मिलता है। इस शुभ योग में आप नया वाहन, जमीन व प्रॉपर्टी, आभूषण, कीमती वस्तु आदि खरीदना चाहते हैं तो वह काफी शुभ होगा। 

अमृत सिद्धि योग
अक्षय तृतीया पर अमृत ​सिद्धि योग भी बन रहा है। यह योग रात 11 बजकर 24 मिनट से अगले दिन सुबह 5 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। यह योग अमृत समान फल देता है और शास्त्रों में इसे अत्यंत शुभकारी माना गया है। आप इस शुभ योग में कोई नया कार्य शुरू करना चाहते हैं तो यह योग शुभ फल प्रदान करेगा। 

आयुष्मान योग
भारतीय संस्कृति में जब बड़ों के चरण स्पर्श किए जाते हैं तब काफी लोग कहते हैं आयुष्मान भव: अर्थात लंबी आयु हो। अक्षय तृतीया पर आयुष्मान योग भी बन रहा है। यह योग सुबह 9 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। इस योग में अगर आप कोई कार्य कर रहे हैं तो उसका फल लंबे समय तक मिलता हे या उसका प्रभाव लंबे समय तक रहता है। इस शुभ योग में पितरों को तर्पण व पितरों के नाम का दान करने से ऐश्वर्य, आयु और आरोग्य की प्राप्ति होती है। 

रवि योग
अक्षय तृतीया पर रवि योग रात 11 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगा जो कि 23 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। रवि योग को ग्रहों के राजा सूर्य का पूर्ण आशीर्वाद होने के कारण बहुत प्रभावशाली योग माना गया है। इस योग में किया गया कोई भी कार्य शुभ फल प्रदान करता है। इस योग में यात्रा करना, नए कार्य का आरंभ, गृह प्रवेश, विवाह आदि मांगलिक कार्य करना बेहद शुभ माना जाता है। 

सौभाग्य योग
अक्षय तृतीया पर इन सभी योगों के साथ सौभाग्य योग भी बन रहा है. सौभाग्य योग अर्थात सदा मंगल करने वाला योग। यह योग भाग्य में वृद्धि करता है और खुशी व समृद्धि प्रदान करता है। ये योग सुबह 9 बजकर 36 मिनट से पूरी रात तक रहने वाला है। इस योग में की गई शादी से वैवाहिक जीवन हमेशा सुखमय रहता है। 

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