सही खानपान से रख सकते है मधमेह पर संतुलन... ये बरतें सावधानियां
News By : Vimal Kumar
आगरा। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो हमारे शरीर में इंसुलिन की कमी या हमारे शरीर की कोशिकाओं द्वारा इंसुलिन प्रतिरोधके कारण उत्पन्न होती है। इंसुलिन की कमी या प्रतिरोध की वजह से रक्त लेवल का स्तर असामान्य रूप से उच्च हो जाता है। डायबिटीज के ऐसे मरीज जो इंसुलिन पर हैं, उन्हें फास्टिंग से बचना चाहिए। उपवास की वजह से उनका ब्लड शुगर लेवल लो हो सकता है, जो जानलेवा भी साबित हो सकता है।डायबिटीज के ऐसे मरीज, जिन्हें आंख या किडनी से जुड़ी कोई बीमारी या दूसरी कोई गंभीर बीमारी है, उन्हें भी उपवास से बचना चाहिए।अगर आप डायबिटीज के मरीज व्रत रख रहे हैं तो डाइट में ऐसे खानपान को शामिल करें जो धीरे-धीरे एब्जॉर्ब हो, जैसे लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स। डायबिटीज के मरीजों का खानपान ऐसा होना चाहिए जिसमें प्रोटीन, नैचुरल फाइबर भरपूर मात्रा में हों- जैसे राइस, रोटी वगैरह। मधुमेह यानी डायबिटीज के इलाज के जरिए खून में मौजूद शुगर के स्तर को नियंत्रित किया जाता है। ब्लड शुगर लेवल निरंतर चेक करते रहें। पोषण– डायबिटीज के टाइप-1 और टाइप-2 में ना केवल खाने से जुड़ी जानकारी का ध्यान रखना होता है, बल्कि इस बात पर भी जोर देना होता है कि खाना कब और कितना खाना चाहिए।
शारीरिक गतिविधि
डायबिटीज के टाइप-2 से बचाव के लिए शारीरिक गतिविधियां करना जरूरी होता है। इससे मधुमेह नियंत्रण में रहता है। इसके साथ ही हृदय रोग और ब्लड शुगर से जुड़ी जटिलताओं को भी रोकने में मदद मिलती है।
दवाएं
टाइप-2 डायबिटीज के मरीज के लिए केवल शरीरिक गतिविधि और स्वस्थ खाने का सेवन करना ही काफी नहीं होता है, बल्कि उन्हें दवाओं का सेवन भी करना |
मधुमेह एक लाइफस्टाइल डिजीज है जो गलत खान पान की आदतों और एक्सरसाइज के कमी से होता है। इसलिए खाने में विशेष परहेज़ रखना होता है, आइये जानते हैं :-
व्रत, उपवास आदि से परहेज करें।
खाने में सलाद का प्रयोग जरुर करें।
भोजन करने का एक निश्चित समय रखें और भूखे ना रहें।
शराब व अन्य किसी भी प्रकार के नशे को तुरंत बाय बाय कर दें।
मीठे उत्पादों जैसे मिठाई, मीठे फल, मीठी चाय आदि को बिलकुल छोड़ दें। अगर खाना भी पड़े तो कम मात्रा में ही खाएं।
जंक फ़ूड, डिब्बा बंद प्रोडक्ट्स ये सभी अधिक कैलोरी से युक्त होते हैं जो शरीर में इन्सुलिन को घटाकर शुगर लेवल में वृद्धि कर देता है अतः इनसे यथासंभव बचें।बिना डॉक्टर के सलाह पर दवाइयों का सेवन, लगातार अंग्रेजी दवाइयां लेना आदि भी शुगर को अनियंत्रित कर देते हैं इसलिए लम्बी दवाई के लिए डॉक्टर की सलाह ले|
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